Friday 24 April 2009

एक दिन का आईपीएस

अहमदाबाद। थैलेसीमिया से गंभीर रूप से पीड़ित नौ सालके विजय की आई पी एस बनने की इच्छा आखिरकार पुलिस के सहयोग से बुधवार को पूरी हो ही गई। पुलिस ने एक दिन के लिए विजय को पुलिस कमिश्नर की तरह मान सम्मान दिया। इस नन्हे आई पी एस ने शाम जब शहर में गस्त की तो सभी उसे अचरज से देखने लगे। यहाँ पारसी का भट्ठाके पास एक चाल में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर पूंजाभाई खानैया और जानी बहन खानैया का नौ बर्षीय पुत्र विजय बड़ा हो कर पुलिस अधिकारी बनना चाहता है। लेकिन भगवान ने उसकी किस्मत में कुछ और ही लिखा है। वह थैलेसीमिया से पीड़ित है।
सपनों को साकार करने की पहल : विजय के पड़ोसी खीमाजी रायका ने इस नन्हे बालक की इच्छा पूरी करने का बीड़ा उठाया। वे विजय को आर्मी स्टोर पर यूनीफोर्म दिलाने के लिए ले गये। स्टोर के मालिक भवानी माहेश्वरी ने विजय के बारे में हकीकत जानने के बाद 2500 रु की वर्दी उसे फ्री में दे दी। इसके बाद सयुंक्त पुलिस आयुक्त अतुल करवल ने विजय की इच्छा पूरी करने के लिए यथासंभव सहयोग दिया।
पुलिस अधिकारी की वर्दी में विजय को कमिश्नर कार्यालय ले जाया गया। वहां अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जी के परमार सहित सभी पुलिस कर्मियों ने उसे सलामी दी।
गस्त पर निकले विजय साहब : अचानक आदेश मिला की विजय साहब गस्त पर जायेंगे तुंरत उनके लिए जिप्सी आई। पुलिस दल के साथ वे शहर की गस्त पर निकले। विभिन्न चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मीयों ने उन्हें सलामी दी। छोटे से 'आईपीएस' अधिकारी का सभी ने स्वागत किया।
(अहमदाबाद से कुलदीप सिंह की रिपोर्ट दैनिक भास्कर भोपाल में दिनांक 24.04.09 को प्रकाशित)

4 comments:

  1. पुलिस को ऐसी संवेदनशीलता के लिए शुक्रिया.

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  2. आज ही मैंने भी इस नन्हे के बारे में अखबारों में समाचार पढ़ा है और उसकी फोटो भी देखी है. धन्यवाद.

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  3. ऐसी बाते एक ठंडी हवा के खूबसूरत झोंके की माफिक दिल में उम्मीद की बयार लाती है .की इस देश के सिस्टम में अभी भी मानवीयता ओर संवेदना बाकी है ...जिन लोगो ने इस नन्हे को इसका मौका दिया वे लोग तारीफ के काबिल है

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  4. बहुत ही प्रेरक धनात्मक समाचार
    बने रहिये सु संगतियों के साथ

    व्यस्था की खीज को कम करते तुम्हारे विशेष व्यंग्यों की प्रतीक्छा है

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